सीरियल ब्लास्ट से आईटी शहर बंगलुरू दहला

देश में आईटी का सबसे बड़ा केंद्र बंगलुरू एक के बाद एक नौ श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों से हिल गया। दिल दहला देने वाले इन विस्फोटों में एक महिला की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। विस्फोट शरणार्थी शिविरों के पास छिपा कर रखे गए देसी बमों से किए गए। विस्फोट दोपहर डेढ़ बजे से पौने दो बजे के बीच अडुगोडी, माडीवाला, नयनदहल्ली, मैसूर रोड, रिचमंड सर्किल, पंथारापल्लया और विट्ठल मल्लया रोड पर किए गए। किसी संगठन ने विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है।

लेकिन नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इसमें सिमी के स्थानीय कैडरों का हाथ हो सकता है। इन लोगों को पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादी बम बनाने और विस्फोट करने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इन विस्फोटों की कड़ी निंदा की है और लोगों से शांति और सदभाव बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने मरने वालों के परिवार वालों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।

बंगलुरू शहर के पुलिस कमिश्नर शंकर बिदरी ने बताया कि विस्फोटों को टाइमर और मोबाइल फोन की सहायता से अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि जिसने अभी बर्बरतापूर्ण कार्रवाई को अंजाम दिया है वे कर्नाटक की जनता के बीच दहशत फैलाना चाहते थे। पुलिस मामले की जांच कर संदिग्धों की गिरफ्तारी करेगी। इससे पहले दिसंबर, 2005 में चरमपंथी हमला हुआ था।

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