प्लॉट पर मकान न बनाने वालों पर सख्ती

जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की योजनाओं में जमीन लेकर मकान नहीं बनाने वालों पर सख्ती करने की तैयारी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि जेडीए की योजनाओं में लोगों ने जमीन तो खरीद ली, लेकिन सालों बीत जाने के बावजूद मकान नहीं बनाए हैं। इसके चलते जेडीए अब सख्त कदम उठाने के मूड में है।

सूत्रों का कहना कि खाली प्लॉटों में मकानों के निर्माण को बढ़ावे के लिए जेडीए नियमों में सख्ती बरतने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए तय समय में मकान नहीं बनाने पर निर्माण अवधि बढ़ाने की प्रक्रिया में सख्ती बरती जाएगी। अगर आवश्यक हुआ तो उनके आवंटन को निरस्त भी किया जाएगा। जेडीए के एक उच्चाधिकारी के अनुसार भूमि निस्तारण अधिनियम, 1974 के नियमों में आवश्कता से अधिक लचीलापन व अवधि बढ़ाने के जेडीए कार्यसमिति के असीमित अधिकारों पर अंकुश लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए बाकायदा नगरीय विकास विभाग को भी सूचित कर दिया गया हैं। अवधि बढ़ाने के एवज में जेडीए एक नियत राशि आवंटी से वसूल करता है। अवधि बढऩे के सरल नियमों के चलते जेडीए की कई योजनाओं में अभी तक प्लॉटों में निर्माण कार्य नहीं हो सका हैं।

नियमों के तहत तय अवधि में निर्माण नहीं करने पर जेडीए को आवंटन निरस्त करने का अधिकार प्राप्त है। लेकिन अक्सर जेडीए निर्माण अवधि में बढ़ोतरी कर देता है। गौरतलब है कि भूमि निस्तारण अधिनियम 17 (6) के अनुसार गृह निर्माण सहकारी समितियों के भूखंडो पर नियमन शिविर की तारीख से व जेडीए की योजनाओं में आवंटन तिथि से 5 वर्ष की अवधि के भीतर निर्माण कराने की छूट प्राप्त हैं। जेडीए आयुक्त को इस अवधि के पूर्ण होने पर 2 साल ओर बढ़ाये जाने के विशेषाधिकार है। इसके बाद अवधि बढ़ाने के संबंध में निर्णय जेडीए कार्यसमिति लेती है।

वहीं 18 (3) के तहत सामाजिक व चैरिटेबल संस्थाओं को आवंटित भूखंड में 2 साल की अवधि के भीतर निर्माण कराना आवश्यक हैं। जेडीए आयुक्त इसे 3 साल तक बढ़ा सकता है। जेडीए इन नियमों का गलत फायदा उठाने वाले आवंटियों पर लगाम लगाने के लिए अब नियमों में सख्ती करने की तैयारी कर रहा है।

बात पते की :- खाली प्लॉटों में मकानों के निर्माण को बढ़ावे के लिए जेडीए नियमों में सख्ती बरतने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए तय समय में मकान नहीं बनाने पर निर्माण अवधि बढ़ाने की प्रक्रिया में सख्ती बरती जाएगी। अगर आवश्यक हुआ तो उनके आवंटन को निरस्त भी किया जाएगा।

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